भरोसा, जैसे दो नाव की सवारी हो,
जैसे खैरात में बटती बिमारी हो
जैसे अमूल्य तिजोरी या अलमारी हो ॥
अगर टूटे तो कहने को जाता नही है कुछ किसी का
मगर जो जानते है वो मानते है की
छूट जाता है सारा इतिहास सभी का ॥
टूटे तो कभी न जुड़ने वाली चेन है ये,
जुड़ी रहे तो बंबई की मेह है ये ॥
भरोसा बड़ी कमीनी भी होती है
टूटने पर पहचान देती है,
करने वाले को पागल ,
तोड़ने वाले को बदनाम करार देती है ॥
भरोसा, जैसे दो नाव की सवारी हो,
जैसे खैरात में बटती बिमारी हो
जैसे अमूल्य तिजोरी या अलमारी हो ॥
अगर टूटे तो कहने को जाता नही है कुछ किसी का
मगर जो जानते है वो मानते है की
छूट जाता है सारा इतिहास सभी का ॥
टूटे तो कभी न जुड़ने वाली चेन है ये,
जुड़ी रहे तो बंबई की मेह है ये ॥
भरोसा बड़ी कमीनी भी होती है
टूटने पर पहचान देती है,
करने वाले को पागल ,
तोड़ने वाले को बदनाम करार देती है ॥