क्यों आज मैं
आप जैसा ना रहा
ना कोई हंसी उमंग
ना ही कोई हमसफ़र रहा
मासूम सा था
ना ही वो मन सा रहा
चहकता था जो
वो जीवन ना रहा
अब तो मैं बस
खाली कोई बर्तन सा रहा
साए ना अब मैं
कम सा रहा
सफ़र जीवन का भी
लगे कुछ कम सा रहा
Rahul
@rahulbeniwal