देर हुई मुलाकात में पर दिल को तू सच्चा लगने लगा है.... इस बारी डर थोड़ा कम और ज्यादा अच्छा लगने लगा है.... मुस्कुरा लिया करती हूं यूंही अब बेवजह, क्योंकि आहिस्ता आहिस्ता तुम्हे खोने का डर कच्चा लगने लगा है.... - अभिलाषा🌼

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